1. धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (पीएमएलए) में प्रावधान है कि विशेष न्यायालय धन शोधन में शामिल पाई गई किसी संपत्ति/परिसम्पत्तियों को बैंकों सहित वैध हित वाले तीसरे पक्ष के दावाकर्ताओं को वापस करने का आदेश दे सकता है।
2. नीचे कुछ प्रमुख मामलों का सारांश दिया गया है जहां ईडी ने वैध दावाकर्ताओं/मालिकों को न्याय दिलाने की सुविधा के लिए 'संपत्ति प्रत्याहरण ' के कानून के अनुसार प्रावधानों को लागू किया है:
क्रमांक | मामले का विवरण | वापस की गई संपत्तियों की मात्रा (करोड़ रु. में) | ईडी द्वारा किए गए प्रत्याहरण का विवरण | |
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1 | विजय माल्या केस | 14131.6 | कुर्क संपत्तियों की पूरी राशि सफलतापूर्वक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को प्रत्याहरण किया गया है। | इकोनॉमिक टाइम्स का लेख दिनांक 08.09.2024 |
2 | नीरव मोदी मामला | 1052.58 | सार्वजनिक और निजी बैंकों को 1052.58 करोड़ रुपये की संपत्ति का प्रत्याहरण कर दिया गया है। | |
3 | नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) | 17.47 | ईडी द्वारा एमपीआईडी के माध्यम से ठगे गए वास्तविक निवेशकों को 17.47 करोड़ रुपये की संपत्ति वापस कर दी गई है। | |
4 | एसआरएस समूह | 20.15 | 14.08.2024 को, अपीलीय न्यायाधिकरण (धन शोधन निवारण अधिनियम)ने गुरुग्राम में एसआरएससमूह के पर्ल सिटी और प्राइम प्रोजेक्ट्स के घर-खरीदारों (होमबॉयर्स) को 20 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य के 78 फ्लैट वापस करने की अनुमति दी। | प्रेस विज्ञप्ति दिनांक 14.08.2024 |
5 | रोज वैली ग्रुप | 19.40 | संपत्ति निपटान समिति (एडीसी) के माध्यम से ठगे गए निवेशकों को 19.40 करोड़ रुपये की संपत्ति वापस कर दी गई है। | प्रेस विज्ञप्ति दिनांक 30.08.2024 |
6 | मेसर्स सूर्या फार्मास्युटिकल लिमिटेड | 185.13 | पीएमएलए की धारा 8 (7) के तहत आधिकारिक परिसमापक के माध्यम से ऋणदाता बैंकों के संघ(कंसोर्टियम) को 185.13 करोड़ रुपये का प्रत्याहरण किया गया | | प्रेस विज्ञप्ति दिनांक 30.10.2024 |
7 | श्रीमती नौहेरा शेख एवं अन्य (मेसर्स हीरा ग्रुप) | 226 | माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने दिनांक 11.11.2024 के आदेश के तहत ईडी को निवेशकों के दावों को निपटाने के लिए 201 करोड़ रुपये की दो संपत्तियों की नीलामी करने का निदेश दिया है। इसके अतिरिक्त, माननीय न्यायालय ने धोखाधड़ी के पीड़ित वास्तविक निवेशकों को राशि वापस दिलाने हेतु मुख्य आरोपी व्यक्ति को ईडी के खाते में 25 करोड़ रुपये जमा करने का भी निर्देश दिया है | | प्रेस विज्ञप्ति दिनांक 13.11.2024 |
8 | नायडू अमृतेश रेड्डी और अन्य | 12.73 | माननीय विशेष न्यायालय ने वर्तमान में 12.73 करोड़ रुपये मूल्य के मामले में कुर्क संपत्ति वापस करने की अनुमति दी है | प्रेस विज्ञप्ति दिनांक 11.11.2024 |
9 | मेहुल चोकसी और अन्य | 2565.90 | पीड़ित बैंकों को संपत्तियों की वापस करने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए, बैंकों के साथ ईडी ने परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण की दिशा में सक्रिय कदम उठाए। ईडी और बैंक एक आम रुख अपनाने के लिए सहमत हुए और माननीय विशेष पीएमएलए कोर्ट, मुंबई में संयुक्त आवेदन (सहमति आवेदन) दाखिल किया। माननीय न्यायालय ने संयुक्त आवेदन पर दिनांक 10.09.2024 को आदेश पारित किया जिसमें यह आदेश दिया गया था कि ईडी विभिन्न गीतांजलि समूह की कंपनियों में बैंकों, परिसमापक को 2565 करोड़ रुपये की कुर्क या जब्त की गई संपत्तियों का मूल्यांकन और नीलामी करने की सुविधा प्रदान करेगा और उक्त संपत्तियों की नीलामी के बाद, बिक्री आय राशि को सावधि जमा(एफडी) के रूप में पीएनबी/आईसीआईसीआई बैंक में जमा किया जाएगा। | प्रेस विज्ञप्ति दिनांक 10.12.2024 |
10 | सुश्री नफीसा ओवरसीज और अन्य | 25.38 | माननीय विशेष न्यायालय ने इस मामले में कुर्क संपत्तियों के प्रत्याहरण और रिलीज करने की अनुमति दी है, जिसका वर्तमान मूल्य 25.38 करोड़ रुपये है | प्रेस विज्ञप्ति दिनांक 29.11.2024 |
11 | भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड (बीपीएसएल) | 4025 | माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने दिनांक 11.12.2024 के आदेश के तहत जेएसडब्ल्यू को 4025 करोड़ रुपये की संपत्ति वापस करने का आदेश दिया। यह एक बैंक धोखाधड़ी का मामला है, जिसमें लेनदार बैंकों ने आईबीसी के तहत सीआईआरपी शुरू की थी और जेएसडब्ल्यू सफल समाधान आवेदक था। ईडी ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष एक हलफनामा दायर कर पीएमएलए की धारा 8 (8) के दूसरे परंतुक सहपठित धनशोधन निवारण अधिनियम के प्रत्याहरण नियमों के नियम 3क के तहत जेएसडब्ल्यू को 4025 करोड़ रुपये [सीआईआरपी के तहत कवर] की कुर्क संपत्तियों की वापसी के लिए प्रार्थना की, जिसे माननीय न्यायालय ने मंजूरी दे दी थी। | प्रेस विज्ञप्ति दिनांक 14.12.2024 |
3. एक उल्लेखनीय उपलब्धि में, ईडी ने पीड़ितों या वैध दावाकर्ताओं को लगभग 22,280 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियों को सफलतापूर्वक प्रत्याहरण किया है। यह उपलब्धि पीएमएलए की धारा 8 (7) और 8 (8) के प्रभावी उपयोग पर प्रकाश डालती है, जो सही मालिकों को संपत्ति के प्रत्याहरण की अनुमति देती है, जब यह निर्धारित हो जाता है कि संपत्तियों को शुरू में अवैध माध्यमों से अधिग्रहित किया गया था, लेकिन वैध रूप से निर्दोष पक्षों से संबंधित है।
4. धनशोधन अपराधों के पीड़ितों और/या वैध दावाकर्ताओं की पहचान करने के लिए सभी मामलों में प्राथमिकता पर केंद्रित प्रयास किए जा रहे हैं ताकि उन्हें अपराध की आय की वापसी की जा सके। प्रवर्तन निदेशालय यह सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है कि इन सही दवाकर्ताओं को संपत्ति की शीघ्र वापसी द्वारा उचित क्षतिपूर्ति प्राप्त हो, जिससे अवैध वित्तीय गतिविधियों के पीड़ितों को होने वाले नुकसान का समाधान हो सके।