एफएटीएफ
1989 में स्थापित फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) एक अंतर-सरकारी नीति-निर्माण निकाय है जो अवैध गतिविधियों जैसे धन शोधन(एमएल), आतंकवादी वित्तपोषण (टीएफ), व्याप[यक विनाश के हथियारों का प्रसार (डब्ल्यूएमडी) और इससे समाज को होने वाले नुकसान को रोकने के उद्देश्य से अंतरराष्ट्रीय प्रतिमान को निर्धारित करता है। एफएटीएफ के उद्देश्यों में धन शोधन, आतंकवादी वित्तपोषण और अनटर्राष्ट्रीय वित्त प्रणाली की निष्ठा के अन्य संबंधित खतरों से निपटने के लिए प्रतिमान निर्धारित करना और कानूनी, नियामक और परिचालन उपायों के प्रभावी कार्यान्वयन को बढ़ावा देना है। एफएटीएफ सदस्य देशों की एमएल और टीएफ तकनीकों की समीक्षा करता है और नए जोखिमों जैसे कि आभासी संपत्तियों के विनियमन आदि के समाधान के लिए निरंतर अपने प्रतिमानकों को सुदृढ़ करता है।
एफएटीएफ की सिफारिशों के बाद भारत ने धन शोधन निवारण कानून, 2002 (पीएमएलए) अधिनियमित किया है जो 01.07.2005 से प्रभावी हुआ है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को पीएमएलए के प्रावधानों को क्रियान्वित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। भारत 2010 में एफएटीएफ का सदस्य देश बना। वर्तमान में 200 से अधिक देश और क्षेत्र एफएटीएफ द्वारा निर्धारित सिफारिशों या प्रतिमानकों को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
एफएटीएफ इसकी अनुशंसाओं के कार्यान्वयन के स्तरों के मूल्यांकन द्वारा इसके सदस्य देशों का पारस्परिक मूल्यांकन संचालित करता है।
एफएटीएफ द्वारा भारत का अंतिम पारस्परिक मूल्यांकन 2009 में किया गया था। सामान्य रूप से एफएटीएफ से संबंधित प्रासंगिक लिंक और विशिष्ट रूप से भारत के पारस्परिक मूल्यांकन इस प्रकार हैं: -