हाल ही में इस निदेशालय के संज्ञान में ऐसे कई मामले आए हैं जहां कॉनमैन द्वारा लोगों को ठगा गया, धोखा दिया गया और उनके पैसे लूटे गए हैं। हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा इस तरह का मामला कुख्यात कॉनमैन सुकेश चंद्रशेखर के खिलाफ दर्ज किया गया है। उसने चकमा देने की (स्पूफिंग) तकनीक की मदद से, लोगों को ठगने के लिए कॉल किए और उन्हें पैसे के बदले मदद की पेशकश करके वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के फोन नंबरों से चकमा दिया। इस प्रकार से, सुकेश चंद्रशेखर ने 200 करोड़ रुपये की उगाही की है। इसके अलावा, ठगी करने वाले लोगों द्वारा जबरन वसूली के लिए फर्जी नोटिस जारी करने की कुछ अन्य घटनाएं भी देखी गई हैं और इनमें से कुछ कॉनमैन गिरफ्तार भी किए गए हैं।
अपने आप को, अपने प्रियजनों को ठगने से बचाना संभव है। आइए समझते हैं कि यह कैसे किया जाता है:
तरीका: चकमा देने की तकनीक (स्पूफिंग तकनीक) का प्रयोग
चकमा कॉल (कॉल स्पूफिंग) को किसी अज्ञात स्रोत से की गई फोन कॉल को किसी ज्ञात स्रोत से प्राप्त होने वाली छद्म कॉल के रूप में परिभाषित किया गया है। दूसरे शब्दों में, यह कॉलर आईडी को वास्तविक कॉलिंग नंबर के अलावा किसी अन्य नंबर पर बदलने की प्रक्रिया है।
चकमा कॉल (स्पूफिंग कॉल) करने वाला व्यक्ति कॉल किए गए नंबर की स्क्रीन पर उसके द्वारा वांछित किसी भी नंबर को दर्शा सकता है। जबकि, वास्तव में, इस तरह से दिखाई दिए जाने वाले नंबर से कोई कॉल नहीं की जाती है। चकमा कॉल (स्पूफ्ड कॉल) रिसीवर यह मानने लगता है कि यह उस नंबर से की गई एक वास्तविक कॉल है और कॉनमैन के झांसे में आ जाता है या कॉनमैन के जाल में फंसना शुरू हो जाता है। कॉनमैन तब विभिन्न प्रलोभनों का उपयोग करके शिकार व्यक्ति को भुगतान के लिए मना लेता है। ठगी का शिकार व्यक्ति कॉनमैन के जाल में फंस जाता है और उसका आर्थिक शोषण किया जाता है।
कॉनमैन आम तौर पर सरकारी अधिकारियों के फोन नंबरों से चकमा देता है। कॉल सामान्य प्रतीत होगी और यहां तक कि 'ट्रू कॉलर' ऐप सत्यापन भी यही दर्शाता है कि वास्तव में फोन नंबर इन अधिकारियों से ही संबंधित हैं।
प्रक्रिया
प्रक्रिया कॉनमैन द्वारा शिकार व्यक्ति की पहचान के साथ शुरू होती है। सभी को न तो सरकारी ढांचे और पदानुक्रम के बारे में पता होता है, न ही सरकारी व्यक्तियों के कार्यों और कर्तव्यों के बारे में। बेईमान लोग जानकारी की कमी का फायदा उठाते हैं और लोगों को ठगते हैं। कॉनमैन ऐसे व्यक्ति की पहचान करने के बाद सरकारी अधिकारियों के रूप में नकली वादे करके उनके असुरक्षित होने / सरकारी कामकाज संबंधी कम जानकारी होने का फायदा उठाता है। ये वादे आकर्षक और पूरे किए जाने योग्य होते हैं। इससे ठग पर विश्वास जमना शुरू हो जाता है और बाद में मदद की आड़ में जबरन वसूली की जाती है।
इस प्रक्रिया में निम्नलिखित प्रमुख चरण शामिल हैं:-
कॉनमैन उस व्यक्ति की पहचान करता है जिसको वह ठगना चाहता है | वह ऐसे सरकारी कार्यालय की भी पहचान करता है, जिस से की गई कॉल पर व्यक्ति विश्वास करेगा | वह कॉल चकमा कॉल तकनीक का उपयोग करता है और शिकार व्यक्ति को स्पूफ कॉल करता है | कॉनमैन व्यक्ति को वित्तीय लेन-देन (लेन-देनों) के लिए मना लेता है | व्यक्ति जालसाजी का शिकार हो जाता है और ठगा जाता है और उसकी आर्थिक हानि हो जाती है |
बरती जाने योग्य सावधानियां
- 1. यह सलाह दी जाती है कि जिस किसी को भी सरकारी लैंडलाइन नंबरों से कॉल आ रही हैं, खासकर जब अपेक्षित न हो, उस व्यक्ति को कुछ समय बाद फिर से उस नंबर पर डायल करके इस नंबर से सत्यापित करना चाहिए।
- 2. यदि सरकारी कार्यालयों से कोई कॉल आती है, तो कॉल करने वाले का नाम और पदनाम नोट करने के लिए पर्याप्त सावधानी बरती जानी चाहिए। इसके बाद, कॉल करने वाले व्यक्ति द्वारा दी गई जानकारी को अन्य स्रोतों जैसे सरकारी वेबसाइट या उसी कार्यालय के अन्य कार्यालय नंबर जो वेबसाइट पर उपलब्ध हैं पर कॉल द्वारा क्रॉस सत्यापन करने संबंधी सभी प्रयास किए जाने चाहिए।
- 3. अधिकांश सरकारी कार्यालयों की वेबसाइटों पर उनका एक संपर्क नंबर होता है। उनसे संपर्क करना और क्रॉस सत्यापन करना बेहतर है।
- 4. फोन पर किसी ऐसे व्यक्ति को व्यक्तिगत/पारिवारिक विवरण देने से बचें जिससे आप पहले नहीं मिले हैं या जिसके बारे में आप निश्चित तौर पर कुछ नहीं जानते हैं।
- 5. प्रवर्तन निदेशालय से सभी आधिकारिक पत्राचार कानूनों के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत जारी पत्र, समन, नोटिस आदि के माध्यम से किए जाते हैं जो आमतौर पर डाक या ईमेल के द्वारा भेजे जाते हैं। ईडी से प्राप्त किसी पत्र, समन, नोटिस आदि के संबंध में संदेह होने की स्थिति में, इसे क्रॉस सत्यापित करने की सलाह दी जाती है।
ईडी में क्रॉस सत्यापन के लिए संपर्क बिंदु
प्रवर्तन निदेशालय से प्राप्त किसी भी कॉल, सम्मन, पत्र, नोटिस आदि के संबंध में किसी भी प्रकार का संदेह होने पर, संपर्क के निम्नलिखित निर्दिष्ट बिंदुओं से टेलीफोन या ईमेल पर संपर्क करने की सलाह दी जाती है: -
विवरण | ब्यौरा |
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संपर्क व्यक्ति का नाम | श्री अंकुर जायसवाल |
पदनाम | सहायक निदेशक |
पता | प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), ए – ब्लॉक, प्रवर्तन भवन, ए पी जे कलाम रोड, नई दिल्ली - 110011 |
दूरभाष संख्या | 011–23339178 |
ईमेल आईडी | adint.hq-enforce[at]gov[dot]in |
विवरण | ब्यौरा |
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संपर्क व्यक्ति का नाम | श्री जोगिन्दर |
पदनाम | सहायक निदेशक |
पता | प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), ए – ब्लॉक, प्रवर्तन भवन, ए पी जे कलाम रोड, नई दिल्ली - 110011 |
दूरभाष संख्या | 011-23339173 |
ईमेल आईडी | adiinv2-ed[at]gov[dot]in |